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1 Dec 2025, Mon

तुर्किये की सिंगर पर पति ने करवाया एसिड अटैक:बुरी तरह जलीं, एक आंख खोकर भी गाती रहीं, आखिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई

31 अक्टूबर 1982 की बात है। तुर्किये की जानी-मानी सिंगर बर्गेन अपनी मां के साथ टैक्सी का इंतजार कर रही थीं। तभी अचानक उनके सामने एक शख्स आया, जिसने अपना चेहरा नकाब से ढक रखा था। बर्गेन कुछ कह पातीं, उससे पहले ही वह शख्स उनके ऊपर एसिड फेंक कर भाग गया। आनन-फानन में बर्गेन को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका लगातार 45 दिन तक इलाज चला। बर्गेन बुरी तरह जल गई थीं और उनकी एक आंख भी खराब हो गई थी। बचना मुश्किल ही नहीं, लगभग नामुमकिन था, लेकिन मां की दुआएं और फैंस का प्यार उन्हें मौत के मुंह से वापस ले आया। लेकिन फिर बर्गेन की गोली मारकर हत्या भी कर दी गई। इस घटना के बाद हर कोई सहम गया। सभी के मन में सवाल था कि आखिर सिंगर का किसी से ऐसा क्या विवाद था कि उनके ऊपर एसिड फेंका गया और जब वह इससे भी बच गईं तो उन्हें बीच कॉन्सर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामले का खुलासा किया तो हर कोई हैरान रह गया। आज अनसुनी दास्तान के 3 चैप्टर में पढ़िए तुर्किये की जानी-मानी सिंगर बर्गेन की हत्या की कहानी… बर्गेन का जन्म 15 जुलाई 1958 को तुर्किये में हुआ था। वह सात बच्चों में सबसे छोटी थीं। उनका बचपन प्यार, हंसी और संगीत से भरा हुआ था। घर में पैसे की कमी थी, लेकिन परिवार खुशहाल था और सभी उन्हें बहुत प्यार करते थे। हालांकि परिस्थितियां तब बदल गईं जब बर्गेन के माता-पिता का तलाक हो गया और परिवार बिखर गया। इसके बाद वह अपनी मां के साथ अंकारा चली गईं, जहां उन्होंने अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की। बर्गेन का बचपन संगीत के बीच बीता इसलिए उन्होंने इसी में करियर बनाने का फैसला लिया। अंकारा आने के बाद उन्होंने संगीत सीखना शुरू किया। बर्गेन को गाने का अच्छा हुनर था और वह मैंडोलिन भी बहुत अच्छी तरह बजाती थीं। उनके टीचर्स और दोस्त हमेशा उनके टैलेंट की तारीफ करते। बर्गेन ने भी ठान लिया कि उन्हें सिंगर बनना है। इसके लिए उन्होंने अंकारा स्टेट कंजर्वेटरी में एडमिशन लिया और पियानो विभाग में पहला स्थान हासिल किया। धीरे-धीरे बर्गेन का संगीत पूरे तुर्किये में प्रसिद्ध हो गया, लेकिन बुलंदियों तक पहुंचना अभी बाकी था। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़कर तुर्किये के संघीय डाकघर (PTT) में नौकरी करना शुरू किया। इसी बीच 1977 में खबरें सामने आईं कि बर्गेन ने शादी कर ली है और उनके बच्चे भी हैं। हालांकि परिवार ने इन खबरों को महज अफवाहें बताया। बर्गेन अक्सर दोस्तों के साथ नाइटक्लब जाती थीं। एक रात जब वह दोस्तों के साथ एक क्लब में थीं और गाना गा रही थीं, तभी क्लब के मालिक को उनकी आवाज इतनी पसंद आई कि उन्होंने बर्गेन को क्लब में हमेशा के लिए गाने का ऑफर दे दिया। बर्गेन ने तुरंत इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने क्लब बैंड में शामिल होकर तुर्किये क्लासिकल म्यूजिक और पॉप गाना शुरू किया। उनकी आवाज में इतनी मिठास थी कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते थे। धीरे-धीरे उन्हें वह कामयाबी मिलने लगी जिसकी चाह हर कोई करता है। इसी दौरान उनकी मुलाकात हालिस सर्बेस्ट नाम के एक व्यक्ति से हुई, जिसने उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। हालिस पहले से ही शादीशुदा था और उसके तीन बच्चे थे, लेकिन बर्गेन की सुंदरता के सामने वह खुद को रोक नहीं पाया। वह हर रात बर्गेन को फूल भेजता और क्लब में उनके प्रोग्राम देखने आता था। बर्गेन भी धीरे-धीरे उसकी ओर खिंचने लगीं और दोनों का रिश्ता बन गया। हालिस बर्गेन से शादी करके नई जिंदगी शुरू करना चाहता था। शुरुआत में बर्गेन थोड़ी झिझकीं, लेकिन अंततः वह मान गईं। दोनों ने शादी की, लेकिन यह शादी झूठी साबित हुई और बर्गेन को लगा कि उन्हें धोखा मिला है। आखिरकार बर्गेन ने फैसला किया कि वह हालिस से दूर हो जाएंगी। हालांकि हालिस उन्हें जाने नहीं देता था। धीरे-धीरे हालिस ने घरेलू हिंसा भी शुरू कर दी, जिससे बर्गेन की जिंदगी नर्क जैसी हो गई। ऐसे में उन्होंने हालिस को छोड़कर अपनी मां के पास अंकारा लौटने का फैसला किया। अंकारा में बर्गेन ने दोबारा करियर शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने नॉर्वे के शहर बर्गेन से प्रेरित होकर ही अपना नाम बर्गेन रखा, जबकि उनका असली नाम कुछ और था। उन्होंने फिर से नाइटक्लब में गाना शुरू किया और कई जानी-मानी हस्तियों के साथ मंच शेयर किया। बर्गेन की आवाज में ऐसा जादू था कि पूरा अंकारा उनकी ओर खिंचता चला गया। उनकी जिंदगी बदलने लगी और अधूरे सपने भी पूरे होने लगे, लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं हालिस का डर भी था और प्यार भी। बर्गेन को यही उम्मीद थी कि शायद वह एक दिन बदल जाएगा। हालांकि वह दिन कभी नहीं आया। दूसरी तरफ हालिस लगातार बर्गेन का पीछा करता रहा और जान से मारने की धमकियां देता रहा। 31 अक्टूबर 1982 को बर्गेन अपनी मां के साथ टैक्सी का इंतजार कर रही थीं, तभी अचानक उनके सामने एक नकाबपोश व्यक्ति आकर खड़ा हो गया। बर्गेन को डर महसूस हुआ और उसी क्षण उस शख्स ने उनके ऊपर एसिड फेंक दिया। बर्गेन का चेहरा और आंखें जल गईं। जैसे-तैसे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बर्गेन ने 45 दिनों तक अस्पताल में मौत और जिंदगी के बीच संघर्ष किया। हमले की वजह से उनका चेहरा और शरीर जल गया था और उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। डॉक्टरों को उनकी जान बचाना भी मुश्किल लग रहा था। बर्गेन की मां, दोस्त और फैंस लगातार उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहे थे। यही प्यार और समर्थन था जिसने बर्गेन को कठिन शारीरिक और मानसिक चोटों के बावजूद जीवित रखा। इस दौरान पुलिस ने हमलावर को पकड़ने के लिए जांच शुरू की। देश इस भयावह अपराध से हिल गया था और पुलिस पर दबाव था कि अपराधी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। आखिरकार पुलिस को सबूत मिले कि यह हमला किसी और ने नहीं, बल्कि बर्गेन के हसबैंड हालिस ने करवाया था। यह खबर सुनकर पूरे देश में सनसनी फैल गई। ये सोच ही बेहद डरावनी थी कि कोई व्यक्ति, जो कभी प्यार का दावा करता था, वो आज इतनी बेरहमी से हमला करवा सकता है। आखिरकार पुलिस ने हालिस को अरेस्ट कर लिया और अदालत ने उसे 13 साल जेल की सजा सुनाई। दूसरी ओर धीरे-धीरे बर्गेन उस भयानक एसिड हमले से ठीक होने लगीं। उन्होंने इस हमले को अपनी जिंदगी पर हावी नहीं होने दिया। एसिड अटैक में एक आंख खो देने के बावजूद बर्गेन ने गाना नहीं छोड़ा। उन्होंने मंच पर लौटकर अपने बालों की लट या विशेष डिजाइन वाले मेकअप से चोट छुपाते हुए फिर से गाना शुरू किया। बर्गेन ने गाने गाए और लिखे भी। उन्होंने कई एल्बम रिलीज किए। उनका संगीत उम्मीद की मिसाल बन गया। उन्होंने दिखाया कि कठिन समय को धैर्य और प्रयास से पार किया जा सकता है। बर्गेन ने अपने मंच का इस्तेमाल घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए भी किया। संगीतकार झांगिस ओश्कर के सहयोग से बर्गेन ने 1983 में शानदार वापसी की। 1985 में बर्गेन ने अपना एल्बम एन्सन सीवियर्स जारी किया। यह एल्बम बहुत सफल रहा और बर्गेन की हिम्मत और प्रतिभा का प्रमाण बना। 1986 के अंत में उन्होंने अपना अगला एल्बम आशी नाकार्डिने रिलीज किया, जिसकी एक मिलियन से ज्यादा कॉपियां बिकीं और बर्गेन ने कई पुरस्कार भी जीते। यह उनके लिए एक बड़ी जीत थी। इतने कठिन समय के बाद बर्गेन ने अपनी जगह फिर से हासिल कर ली। 1987 में बर्गेन ने पहली बार एक्टिंग में कदम रखा और Woman of Pain फिल्म में काम किया। बर्गेन को लगा कि अब उनकी जिंदगी धीरे-धीरे सही दिशा में जा रही है।दूसरी ओर 1988 में हालिस जेल से रिहा हो गया। फिर दोनों ने समझौता किया और अप्रैल 1989 में तलाक ले लिया। लेकिन 14 अगस्त 1989 को जब बर्गेन अपना नया एल्बम यिलर अफेतमेज प्रमोट करने अदाना गईं, तभी हालिस ने उन पर गोली चला दी, जिससे उनकी मौत हो गई। इस हमले में बर्गेन की मां भी घायल हुईं। हालिस हत्या के बाद विदेश भाग गया, लेकिन जर्मनी में पकड़ा गया। उसे 15 साल जेल की सजा सुनाई गई, जिसे अच्छे व्यवहार के कारण घटाकर 3 साल कर दिया गया। जर्मनी और तुर्किये में 16 महीने की हिरासत को ध्यान में रखते हुए उसे केवल सात महीने जेल काटनी पड़ी।

By b.patel

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